"वेलेंटाइन डे को प्रेम दिवस कहा जाता है। प्रेम का मतलब यह नहीं कि केवल प्रेमी व प्रेमिका के बीच स्नेह हो। यह भाई-बहन, पति-पत्नी, जीव-जन्तु व अन्य रिश्तेदारों के बीच भी हो सकता है। प्रेम का मतलब यह भी नहीं कि किसी को नाहक परेशान किया जाए, या उसके इज्जत व मान-मर्यादा से खिलवाड़ हो, प्रेम तो अपने आप में गीता-भागवत की तरह पवित्र है। मगर धरसींवा थाना क्षेत्र के ग्राम परसतराई स्थित विंध्य इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (विट्स) के छात्रों ने ग्रामीण युवती के साथ गैंगरेप कर प्रेम दिवस के अर्थ को ही बदल दिया।"
वेलेंटाइन डे पर एक युवती अपने मंगेतर के साथ कॉलेज के पास घूम रही थी। इसी बीच आधा दर्जन छात्रों ने उन्हें घेर लिया। उनमें से दो छात्र युवती को घसीटकर खेत में ले गए
और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। बाकी चार छात्रों ने मंगेतर के साथ मारपीट की। इसके बाद घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार को कॉलेज पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया
। इसकी वजह यह थी कि आरोपी छात्रों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था
। बताया गया है कि बरतनारा निवासी 18 वर्षीय युवती नौवीं कक्षा की छात्रा है। वेलेंटाइन डे पर उसका मंगेतर दुर्ग निवासी रामचरण मिलने के लिए आया था। शाम करीब सात बजे वे लोग धरसींवा थाना से महज दो किमी दूरी पर ग्राम परसतराई स्थित विंध्य इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस कॉलेज के आसपास घूम रहे थे। इसी बीच कॉलेज के मेकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर के आधा दर्जन छात्रों ने उन्हें घेर लिया। एएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के मुताबिक आरोपी छात्रों में एमआईजी कॉलोनी टिकरापारा रायपुर निवासी राहुल मिश्रा (21), रांझी जबलपुर निवा
सी सतीश एक्का (20), खमतराई दुर्ग निवासी वेदप्रकाश साहू, संजयनगर थाना चौक चांपा निवासी प्रीतमलाल सूर्यवंशी (19), मनोरंजन मंदिर के पास बांकीमोंगरा कोरबा निवासी अरूणकुमार कश्यप (18) और कैलाशविहार दर्री कोरबा निवासी शिवकुमार कश्यप (19) शामिल हैं। उन्होंने युवती के साथ छेड़खानी की। रामचरण ने उनका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की। इसके बाद वेदप्रकाश और सतीश युवती को घसीटते हुए कॉलेज के पीछे खेत में ले गए और सामूहिक बलात्कार किया। बाकी चार छात्रों ने रामचरण को पकड़कर रखा था। ग्रामीणों ने की जमकर तोड़फोड़ रू घटना के बारे मे मंगलवार को युवती के परिजनों ने सरपंच हेमंत वर्मा को बताया। इसके बाद धरसींवा, कूंरा, चरौदा, तिवरईया और कपसदा के ग्रामीण भी परसतराई पहुंच गए। दोपहर करीब एक बजे गुस्साए डेढ़-दो सौ ग्रामीण कॉलेज पहुंचे और पथराव किया। इससे कॉलेज बिल्डिंग के लगभग सभी कमरों की खिड़की-दरवाजों के कांच टूट गए। तीन कॉलेज बस, प्राचार्य की कार, एक मालवाहक गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई। तीन एसी को भी नुकसान हुआ है। गार्ड शिवप्रताप सिंह के गाल और भोलाप्रसाद तिवारी के हाथ पर पत्थर लगा। इस घटना ने प्रेम दिवस को शर्मसार कर दिया है
। ऐसे में येही कहा जा सकता है क्या इसी दरिंदगी को प्रेम दिवस कहते है! यदि हाँ तो ऐसे प्रेम दिवस को मनाने से क्या फायदा, जिससे किसी की इज्ज़त और आबरू लूट जाये?
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