शुक्रवार, 6 मई 2011

इंजीनियर बनना चाहती है किसान की बेटी

- चंद्रपुर की श्यामा पटेल टाप टेन में तीसरे स्थान पर

एक छोटे से गांव के कृषक परिवार में जन्मी पली बढ़ी प्रतिभावान छात्रा श्यामा पटेल इंजीनियर बनकर अपने माता-पिता का नाम रौशन करना चाहती है। माध्यमिक शिक्षा मंडल के बारहवीं बोर्ड परीक्षा में इस छात्रा ने टाप टेन में तीसरा स्थान अर्जित किया है।

जांजगीर-चांपा जिले के चंद्रपुर से 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम साल्हेओना की छात्रा श्यामा पिता शिवकुमार पटेल बचपन से ही मेधावी रही है। गांव में मिडिल स्कूल के बाद शिक्षा व्यवस्था नहीं होने के बावजूद उसने आगे की पढ़ाई जारी रखने की ठानी। रोजाना 8 किलोमीटर की दूरी तय कर चंद्रपुर स्थित स्कूल पहुंचने वाली इस छात्रा ने आखिरकार यह साबित भी किया कि इन्सान में आत्मविश्वास हो तो किसी भी काम को पूरा किया जा सकता है। मीडिल स्कूल की पढ़ाई के बाद छात्रा श्यामा ने चंद्रपुर के रमापति हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रवेश लेकर पढ़ाई जारी रखी। कड़ी मेहनत और पक्का इरादा रखने वाली श्यामा को दसवीं बोर्ड परीक्षा में 92 फीसदी अंक प्राप्त हुए थे। उसके बाद श्यामा ने बारहवीं की परीक्षा के लिए खूब मेहनत की। शिक्षा सत्र के प्रारंभ से ही उसने आठ-दस घंटे पढ़ाई की, शिक्षकों से मार्गदर्शन लिया। परीक्षा की सुदृढ़ तैयारी होने के कारण उसके सभी परचे अच्छे गए और उसे अच्छे अंक आने का भरोसा भी था। बोर्ड परीक्षा देने के बाद उसने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित एआईईईई की परीक्षा भी दी है।

शिक्षा मंडल द्वारा ६ मई को घोषित किए गए परिणाम अनुसार छात्रा श्यामा पटेल को बारहवीं में पांच विषयों में विशेष योग्यता के साथ कुल 472 अंक मिले हैं। टाप टेन में तीसरा स्थान प्राप्त करने की खबर श्यामा व उसके परिजनों को जैसे ही हुई, वे झूम उठे। श्यामा पटेल को हिंदी में 98, अंग्रेजी 89, गणित 97, भौतिक 91, रसायनशास्त्र में 97 अंक मिले हैं, वहीं अतिरिक्त विषय जीव विज्ञान में 78 अंक प्राप्त हुए हैं। छात्रा ने सभी विषयों की प्रायोगिक परीक्षा में पूर्णाक के 25 अंक अर्जित किए हैं। छात्रा श्यामा पटेल ने बताया कि उसकी बड़ी बहन गांव में स्कूल नहीं होने के कारण आगे की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाई। वह अपने परिवार में अकेली ऐसी लड़की है, जिसने बारहवीं तक पढ़ाई कर पाने का सौभाग्य प्राप्त किया है। श्यामा की इच्छा इंजीनियर बनने की है, जिसके लिए उसके पिता शिवप्रसाद पटेल भरपूर सहयोग कर रहे हैं। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद उसके घर में खुशी का माहौल है तथा गांववाले व सहपाठी उसे लगातार बधाई दे रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय श्यामा ने स्कूल के शिक्षकों तथा परिजनों को दिया है।

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