शुक्रवार, 13 मई 2011

वन ग्राम रैनखोल की बदलेगी तस्वीर

0 बच्चों को नहीं होगी स्कूल जाने में परेशानी

वन ग्राम रैनखोल तक पहुंच पाना हर किसी के बस की बात नहीं थी, यहां न तो पक्की सड़क है और न ही आवागमन के अन्य साधन। यहां पहाड़ के बीचो-बीच बने कच्चे रास्ते से सफर कर ग्रामीण बामुश्किल गांव पहुंच पाते थे। बारिश के दिनों में तो यहां टापू जैसा हाल हो जाता था। मगर लाखों के विकास कार्य शुरू होने से अब इस गांव की तस्वीर जल्द ही बदलने वाली है।
जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती विकासखंड अंतर्गत ग्राम रैनखोल में रहने वाले ग्रामीणों को कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ रही है। यहां भारी संख्या में आदिवासी परिवार निवासरत है, जिन्हें शासन की सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही थी। राज्य सरकार के निर्दे पर पिछले दिनों कलेक्टर ब्रजेश चंद्र मिश्र ने इस गांव का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें कई समस्याओं से अवगत कराया। वहीं मुख्यमंत्री के जिला प्रवास पर भी उनसे गांव में विकास कार्य प्रारंभ कराने के लिए मांग की गई। ग्रामीणों मांग व समस्याओं को देखते हुए सरकार ने गांव में अनेक विकास कार्य प्रारंभ करा दिए है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वन विभाग द्वारा कोरवा पारा से जोड़ने के लिए 31 लाख रूपए की लागत से लगभग 1400 मीटर मिट्टी मुरूम सड़क एवं 3 पुलिया का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया गया है, जिसके निर्माण से कोरवापारा के बच्चे वर्षा ऋतु में भी बिना किसी परेशानी के स्कूल जा सकेंगें। वहीं 3.84 लाख रूपए की लागत से तालाब गहरीकरण का कार्य पुनः प्रारंभ किया गया है। इससे रैनखोल के ग्रामीणों को पेयजल एवं निस्तार की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

कोई टिप्पणी नहीं: