शुक्रवार, 13 मई 2011

धर्मान्तरण को लेकर चाम्पा में बवाल

-धर्मसभा लेते प्राचार्य पादरी गिरफ्तार

लकवा पीड़ित युवक के उपचार के बहाने धर्मांतरण कराए जाने को लेकर चांपा नगर में ९ मई की रात जमकर बवाल हुआ। शिवसेना व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्म सभा ले रहे शासकीय कालेज खरसिया के प्राचार्य व पादरी को पीटा, जिन्हें धर्मांतरण के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को लेकर नगर में रात भर हंगामा होता रहा।
कंवरपारा चांपा निवासी दुखीराम यादव काफी समय से लकवे की बीमारी से पीड़ित है, कुछ दिन पूर्व वह चर्च गया था, जहां उसका नाम व पता दर्ज था। सोमवार की शाम दुखीराम के संबंध में जानकारी लेने महात्मा गांधी शासकीय कॉलेज खरसिया में पदस्थ प्राचार्य फूलचंद धृतलहरे व नेपाल से आए एक पादरी राजेंद्र भंडारी उसके घर पहुंचे। उन्होंने दुखीराम के घर पर मोहल्ले वालों को इकठ्ठा कर धर्मसभा शुरू कर दी। इसका पता लगने पर बजरंग दल व शिवसेना के कार्यकर्ता भी वहां पहुंचे और भीड़ में शामिल होकर उनकी कार्यवाही देखते रहे। इस दौरान हिंदू देवी देवताओं के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी की गई, जिससे धर्मसभा में उपस्थित बजरंगी व शिवसैनिकों को नागवार गुजरी और उन्होंने धर्मसभा बंद करने की बात कहते हुए पादरी व उसके साथी को वहां से जाने को कहा। लेकिन वे वापस जाने को तैयार नहीं हुए। जिससे विवाद बढ़ते-बढ़ते नौबत झूमाझटकी तक आ पहुंची। उसके बाद बजरंगियों और शिवसैनिकों ने अपने साथियों को वहां बुलवा लिया और धर्मसभा ले रहे लोगों की जमकर पिटाई कर दी। इसकी सूचना चांपा थाने में मिलने पर टीआई राजेश जोशी बड़ी संख्या में दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और पादरी प्राचार्य को थाने लाया गया। उनके पीछे-पीछे काफी संख्या में मोहल्ले वाले भी थाने पहुंच गए और दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग करने लगे। मारपीट से लगी चोटों का इलाज कराने व डॉक्टरी मुलाहिजा के लिए पादरी को बीडीएम अस्पताल ले जाया गया, लेकिन लोगों के आक्रोश को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल भेजना पड़ा। वहीं प्राचार्य को थाने में बिठाकर रखा गया। इस दौरान नगर में काफी तनावपूर्ण स्थिति रही, हिंदू धर्म को मानने वाले सैकड़ों नागरिक थाने के बाहर डटे रहे और हंगामा करते रहे। नागरिकों ने धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए पादरी व प्राचार्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। कई घंटे तक चले शोर शराबे के बाद देर रात 1 बजे पुलिस ने दुखीराम की पत्नी कमला बाई यादव की रिपोर्ट पर पादरी व प्राचार्य के खिलाफ धर्म स्वतंत्र अधिनियम 1968 की धारा 3,5 व भादवि की धारा 295 क के तहत जुर्म दर्ज किया। आज चांपा पुलिस ने दोनों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत दे दी गई। घटना के बाद से चांपा नगर में तनावपूर्ण माहौल है।

छावनी बना रहा कंवरपारा
मामला धर्मांतरण से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधीक्षक डा. आनंद छाबड़ा ने स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए, जिसके बाद रात 11 बजे पुलिस लाईन जांजगीर से तीन डग्गा भरकर पुलिस फोर्स तथा 11 वीं बटालियन के जवान मौके पर भेजे गए। इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे पुलिस जवानों के कारण कंवरपारा छावनी में तब्दील हो गया था। जवानों ने हंगामा करने वालों को बमुश्किल नियंत्रित किया, उसके बाद ही स्थिति संभल सकी।

पिछले वर्ष भी हुआ था हंगामा
विगत वर्ष चांपा के सिंधी कालोनी मोहल्ले में भी धर्मसभा लेकर धर्मांतरण कराए जाने का मामला सामने आया था, जिसमें सिंगापुर से आए एक पादरी की जमकर पिटाई हुई थी। जिले के अकलतरा, बलौदा क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोगों को धर्मांतरण के लिए लाया गया था। लेकिन हिंदू संगठनों को मामले की जानकारी होने के बाद जमकर हंगामा हुआ और धर्मसभा लेने वालों को गिरफ्तार किया गया था।

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