केएसके महानदी पावर प्लांट में कार्यरत् एक ठेका श्रमिक की आज संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। घटना के बाद कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों ने परिजनों को सूचित किए बगैर लाश को लावारिश बताकर जिला अस्पताल भिजवा दिया। मृतक के शरीर के कई हिस्सों में चोट के निशान मिले हैं।
पामगढ़ थाना अंतर्गत ग्राम मुलमुला निवासी शमशेर सिंह सारथी (21 वर्ष) पिता मिल्का सिंह सारथी ने नरियरा में निर्माणाधीन केएसके महानदी पावर कंपनी में ११ मई को ठेका श्रमिक बतौर काम शुरू किया था। १३ मई को सुबह 8 बजे वह ड्यूटी पर पहुंचा और प्लांट के नरियरा गेट के पास काम करने लगा। लगभग 2 घंटे काम करने के बाद उसकी अचानक मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर सैकड़ों श्रमिक इकट्ठे हो गए और मृतक शमशेर के शरीर पर चोंट देखकर हंगामा करने लगे। इधर मामले की सूचना पाकर कंपनी के कुछ अधिकारी भी घटनास्थल पहुंचे और पामगढ़ पुलिस को जानकारी दी। पुलिस मौके पर पहुंच पाती, इससे पहले ही अधिकारियों ने हंगामा के भय से मजदूर के शव को लावारिश बताते हुए वाहन में भरकर जिला अस्पताल भिजवा दिया। दोपहर लगभग 12 बजे पावर प्लांट के कुछ श्रमिकों ने जिला अस्पताल पहुंचकर मृतक की शिनाख्त शमशेर सिंह के रूप में की। इसके बाद परिजनों को घटना की खबर दी गई। परिजनों के अस्पताल में इकट्ठा होते तक शाम हो गया, इस वजह से मृतक का आज पोस्टमार्टम नहीं हो सका। बहरहाल मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर पंचनामा के बाद शव को मरचुरी में रखवा दिया है।
गेट के बाहर पड़ी थी लाश
मृतक शमशेर सिंह साइकिल से प्लांट पहुंचा था और उसने ड्यूटी भी की। मगर उसकी लाश प्लांट के नरियरा गेट के बाहर लावारिश पड़ी हुई थी, जबकि साइकिल प्लांट के अंदर स्टैण्ड में था। जिला अस्पताल पहुंचे मृतक शमशेर सिंह के साथी मजदूरों ने बताया कि घटना के बाद कंपनी प्रबंधन ने शव को बाहर फेंकवा दिया है, ताकि प्लांट में किसी तरह का हंगामा न हो और मृतक के परिजनों को मुआवजा न देना पड़े।
पहले भी हो चुका है बवाल
केएसके महानदी पावर प्लांट में कार्यरत् एक ठेका मजदूर की मौत पिछले साल करंट की चपेट में आने से हुई थी। उस समय भी कंपनी प्रबंधन ने विवादों से बचने के लिए मृतक श्रमिक की लाश को परिजनों को सूचित किए बगैर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया था। तब सैकड़ों श्रमिकों ने प्लांट के भीतर जमकर बवाल किया था। घंटे हंगामा के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा मृतक के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने के आश्वासन पर ही मामला शांत हुआ था।
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