0 पटवारी रिपोर्ट मिलने के बाद होगा अंतिम निर्णय
महानदी में आई बाढ़ से शिवरीनारायण व चंद्रपुर क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए मकानों का मुआवजा वितरण प्रभावित परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है, लेकिन फसल का मुआवजा अब तक तय नहीं हो सका है। इसके लिए प्रशासन द्वारा पटवारियों से सर्वे कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही फसल का मुआवजा तय होने की बात कही जा रही है।
उल्लेखनीय है कि महानदी में अचानक बाढ़ आने से जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण व चंद्रपुर क्षेत्र के करीब 30 गांव प्रभावित हुए थे। इन गांवों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी, जिसकी वजह से ग्रामीणों के मकान ढह गए और उन्हें खुले आसमान के नीचे कई रातें गुजारनी पड़ी। जबकि सैकड़ों ग्रामीणों को मजबूरन राहत शिविर में रहकर गुजारा करना पड़ा। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को क्षतिग्रस्त मकानों का मुआवजा भुगतान शुरु कर दिया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र शिवरीनारायण, नगारीडीह, केरा, देवरी, मोहतरा में अब तक 448 प्रकरणों में 12 लाख 23 हजार एक सौ रुपए स्वीकृत हो गई है तथा वितरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जबकि सर्वे का कार्य जारी है। इसी तरह डभरा तहसील अंतर्गत 20 गांव प्रभावित है, जिसमे पूर्ण क्षति के 639 एवं आंशिक क्षति के 3357 प्रकरण तैयार किए गए हैं। इस प्रकार कुल 3996 प्रकरणों में 1 करोड़ 58 लाख 15 हजार 200 रूपए की राशि आपदा राहत कोष से सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है। दूसरी ओर बाढ़ से किसानों को हुए फसल नुकसान का सर्वे कार्य जिला प्रशासन ने अब तक शुरु नहीं कराया है, लिहाजा किसान फसल क्षति के मुआवजे से अब तक वंचित हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो शासन के आदेश के बाद उन्होंन पटवारियों को निर्देशित कर फसल नुकसान का सर्वे शुरु करा दिया है, जिसकी रिपोर्ट आने में कुछ दिन लग सकते हैं। पटवारी से रिपोर्ट मिलने के बाद ही फसल क्षति की मुआवजा राशि तय हो पाएगी, साथ ही आंकलन के अनुसार राशि का वितरण किया जाएगा। अधिकारियों का यह तर्क अपने स्तर पर सही हो सकता है, लेकिन जिनकी फसल प्रभावित हुई है, उन्हें अब सिर्फ प्रशासन पर ही उम्मीद है। बहरहाल पटवारी रिपोर्ट आने में अभी समय लग सकता है, तब तक किसानों को मुआवजा के लिए बाट जोहना पड़ेगा।
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